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shruti chowdhary

Tragedy

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shruti chowdhary

Tragedy

माँ- तेरी याद बहुत आती है

माँ- तेरी याद बहुत आती है

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बीते पल सोचकर मायूस हो जाता हूँ

वो घिनोना मोड़ देख दहल जाता हूँ 

अपनी दहाड़ सुन खुद को कोसता हूँ 

अपनों से बैर तनहा पाता हूँ 

माँ तेरी याद बहुत आती हैं।


गिरना संभालना तूने सिखाया 

पर अब खुद की नज़र में गिर गया हूँ मैं 

काँटा चुभने पर तू दिलासा देती 

मेरी हर उलझन को तू आँचल से पोछ देती 

माँ तेरी याद बहुत आती हैं


पढ़ा लिखाकर काबिल बनाया 

रात रात भर जागकर तू अपनी नींद गवाती 

इस भीड़ में टूटकर बैठा हूँ 

हर कोशिश नाकाम बन जाती है 

माँ तेरी याद बहुत आती हैं


हर मर्ज़ की दवा बन जाती तू 

कभी डाँटती कभी तू गले लगाती 

मेरी हर ख़ुशी में शामिल होती 

अपने गम छुपाकर मुझे हसाती 

माँ तेरी याद बहुत आती हैं


मन से हो गया हूँ कितना दूर

कितने लम्हे बीत गए रोते हुए 

तेरी पुकार को किया नज़रअंदाज़ 

सहारा ना दे पाया तेरे थकते पैरों को 

माँ तेरी याद बहुत आती हैं


तुझपर हर सितम का मुझे है पछतावा 

तेरी गोद में सोना चाहता हूँ मैं 

क्षमा कर देना अपने दिल के टुकड़े को 

मेरी जिंदगी तेरे बिना अधूरी है i

माँ तेरी याद बहुत आती हैं


महकेगा फिर से खुशियों का उपवन

भटके कदम लौटना चाहते है अब 

तेरे खोये सपने को सम्पूर्ण करूँगा 

सर पर सेहला दे फिर से प्यार वाला हाथ 

माँ तेरी याद बहुत आती है!



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