माँ मेरी भूखी सो जाती थी !
माँ मेरी भूखी सो जाती थी !
मैं तो अपनी ही धुन में
मुस्कराता रहा,
नासमझी में आँसू
बहाता रहा,
माँ मेरी भूखी
सो जाती थी
रातों मे,
मैं रोटियां फ़ेंकता औऱ
चबाता रहा !
था बचपन मेरा
मैं तो नादान था,
माँ के दुख से बड़ा ही
अंजान था,
ज़ब कभी भी मुझे
हल्की आती खरोच,
लाख मरहम माँ उसपे
लगाती रही।
दर्द आँखों मे वो
मेरी देखकर,
सारी रातें आँसू बहाती रही,
माँ मेरी भूखी सो जाती थी
रातों में।
मैं रोटियां फ़ेंकता औऱ
चबाता रहा !