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Sneha Srivastava

Abstract Inspirational Others

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Sneha Srivastava

Abstract Inspirational Others

माँ की यात्रा

माँ की यात्रा

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एक नन्हे के भीतर होने की

सुखद अनुभूति का होना

कितना अलग अहसास है माँ होना।

नौ महीने अपने ही शरीर

का असहज होना।

आसान नहीं है माँ होना।

असहय पीड़ा सहना,

और पाकर नन्हें को अपार हर्ष होना।

आसान नहीं है माँ होना।

आँखों में नींद फिर भी पूरी रात ना सोना।

आसान नहीं है माँ होना।

टूटे और थके हुए तन से भी, धैर्य ना खोना।

आसान नहीं है माँ होना।

यूनिफॉर्म, बस्ते से लेकर टिफ़िन की चिंता

और घर में उसकी शिक्षिका होना।

आसान नहीं है माँ होना।

तपती धूप में आँचल का उसके ठण्डी छाँव सा होना।

आसान नहीं है माँ होना।

क्या बने?क्या करे? किससे मिले ?

और कब मिले ? इस उधेड़बुन में होना।

आसान नहीं है माँ होना।

अच्छे बुरे की सीख देना और

हर पल उसकी परवाह होना

आसान नहीं है माँ होना।

नौकरी से लेकर विवाह तक की चिंता,

नौकरी जो मिल गयी फिर उसके

जीवनसाथी की तलाश में होना।

आसान नहीं है माँ होना।

विवाह मंडप पे नयनों को

ख़ुशी के अश्रुओं से भिगोना|

आसान नहीं है माँ होना।

उसके गृहस्थी की गाड़ी सुखद चले

दिन-रात दिल में ये दुआ होना।

आसान नहीं है माँ होना।

चक्र फिर से घुमा,

एक नन्हे का हाथों में फिर से होना।

आसान नहीं है अब माँ की माँ होना।

आसान नहीं है माँ होना।


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