माँ की मिठाई
माँ की मिठाई
स्कूल में आधी छुट्टी में भूख से चूहों ने गुड़गुड़ मचाया,
टिफिन में मिठाई देखते ही मुँह में पानी से भर आया,
मुझे और दोस्तों को मिठाई खाकर खूब मज़ा आया।
राज की मलाई बर्फी में स्वाद की इलायची आई,
सोमा को बर्फी की नरम परत खूब पसंद आई,
बर्फी का मीठा स्वाद खूब निराला था,
माँ के हाथों में स्वाद का चमत्कारी बोलबाला था,
मिठाई खा रहे थे माँ की तारीफ़ किए जा रहे थे।
मैं गर्व से फूला नहीं समा रहा था,
प्रसन्नता से मिठाई खिलाए जा रहा था।
आज तो मिठाई आमिर ने भी खाई,
मिठाई खाते ही हमारी लड़ाई खत्म हो आई,
सच जो काम मैं कोशिश करके भी नहीं कर पाया,
मिठाई के मिठास ने खूब रंग जमाया।
माँ की मिठाई दोस्ती की मिठाई बन गई,
हमारी प्यारी कक्षा में अब खुशी के कहकहें थे,
एक मिठाई अभी टिफिन में बाकी थी
सोचा! मिठाई को किसे दिया जाए ?
सोचा! दोस्त के लिए रख लिया जाए,
या? लालबत्ती के सोहन को दे दिया जाए।
आज तो मैं बहुत खुश हुआ,
माँ के लिए बहुत प्यार उमड़ रहा था,
मिठाई का टुकड़ा क्या से क्या कर रहा था।
लड़ाई को दोस्ती में और भूखे की मदद कर रहा था।
सच वो सोने जैसा पीला मिठाई का टुकड़ा
आज माँ का वो टुकड़ा मेरे लिए अनमोल था।