माँ की महिमा
माँ की महिमा
माँ की महिमा
स्नेह - प्यार की
नहीं कोई सीमा।
माँ की ममता
अजब निराली
बच्चों की बस
चाहे खुशहाली।
माँ की ममता
बच्चा पाता
माँ की गोद में
सब सुख पाता।
माँ आँचल का
दूध पिलाती
दूध पीकर के
पेट जब भरता
गोद में ही
बच्चा सो जाता।
गोद सुरक्षित
माँ की होती
डर - भय से है
मुक्ति मिलती।
माँ की गोद में
स्वर्ग है मिलता
हर सुख माँ की
गोद में मिलता।
उठना - बैठना
माँ सिखलाती
पेट के बल पहले
वो खिसकता
देख खिलौने
खुश हो जाता।
घुटनों के बल
जब वो चलता
माँ की ममता का
प्यार उमड़ता।
माँ की महिमा
सुन्दर - प्यारी
स्नेह - प्यार की
माँ है न्यारी।
माँ की महिमा
कितनी प्यारी...।।