मां आद्याशक्ति (२)
मां आद्याशक्ति (२)
मां, आध्यशक्ति, दिव्य स्वरूप साकार,
सृष्टि की रचना, उनकी मुस्कान में बसा प्यार।
काँपती शरण, उनके पावन आँचल में,
जीवन के सारे रंग, मां की बातों में।
मातृभूमि की रूपरेखा, उनके हृदय में है,
मां की कृपा, अमृत सा भरा प्यार है।
संसार की गोदी, मां की आँचल में सुरक्षित,
आध्यशक्ति की छाया, हर अंधकार को मिटाती।
उनके चरणों में, शांति का सागर है,
मां आध्यशक्ति, सृष्टि के सारे रहस्यों का द्वार।
मां की कृपा, हमें सदैव आशीर्वादित करे,
आध्यशक्ति का संगीत, हर मन को भाए।