Govind Narayan Sharma

Romance

4.0  

Govind Narayan Sharma

Romance

मादक अदाएं

मादक अदाएं

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इससे पहले की मोहल्ले में शोर शराबा हो जाये ! 

तेरी नशीली अदाओ के जाम एक दौर हो जाये !!


छोड़ दो तेरी बाहों के आलिंगन को की भोर हो जाये ! 

पीला दो मोहब्बत का जाम तेरे नाम से हम बदनाम हो जाये !!


फैला दो मादक अदाओ को हवा में हर आशिक बेहोश हो जाये! 

छू लो तेरे होंठो से मुझे तब तलक जब तक बेजान हो जाये !!


तलबगार बना दो तेरा मुझे ऐसा हर गुनाह हो जाये ! 

तेरी रूह में ऐसे उतर जाऊं जैसे जल और तरंग एक हो जाये!! 


तेरी चाहत की आग मे मेरा बदन जल कर राख हो जाये ! 

तेरे लहू के कतरे कतरे में मेरी चाहत का सुरूर हो जाये !! 



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