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मिली साहा

Abstract

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मिली साहा

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लम्हें जिंदगी के

लम्हें जिंदगी के

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लम्हें जिंदगी के,

कुछ खट्टे कुछ मीठे,

ज़हन में बस जाते हैं,


गुज़रा लम्हा, 

जब याद आता है,

हम अतीत में खो जाते हैं


कुछ लम्हे,

ज़िंदगी के खास होते हैं,

जो अक्सर दिल में बस जाते हैं,


बातें मन की,

जिंदगानी बचपन की,

कुछ सुनहरे किस्से कह जाते हैं,


काश लौट आए,

फिर से वो सुनहरे दिन,

जो आज भी दिल को आवाज़ लगाते हैं,


कभी ख़्वाब बनकर,

पलकों में उतर आते हैं,

उन एहसासों से ग़म कोसों दूर चले जाते हैं,


लम्हें जिंदगी के,

कतरा कतरा खुशबू बनकर,

उम्र भर के लिए सांसों में बस जाते हैं।



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