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Harish Bhatt

Romance

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Harish Bhatt

Romance

लक्ष्य

लक्ष्य

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रात की तन्हाई में

दिन के उजालों से दूर

सजती है महफिल मेरी,

जब तुम आते हो सपनों में

दिन भर की थकान से दूर

चंचल मन को मिलता है ठौर,

आंखों में समा जाते हो तुम

क्यों कहते हैं लोग कि

अंधेरा किसी काम का नहीं

अंधेरों में ही मिलती है रोशनी

रात की तन्हाई में

तलाश होती है मेरी पूरी,

जिनको ढूंढता रहा उजालों में

वो मिले मुझे रात के अंधियारे में

तुम जब आते हो सपनों में

तो मिल जाता है जीवन का लक्ष्य,

बस यूं ही आते रहना सपनों में

तुम आते हो तो

बनी रहती है

हिम्मत और ताकत

क्योंकि मुझे लड़ना है

दिन के उजालों से

पाना है अपना लक्ष्य और

पहुंचना है मंजिल पर!

बस यूं ही आते रहना

रात की तन्हाई में!


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