लिख दे...
लिख दे...
अब दरमियां फासले हैं तेरे मेरे,
कहने को वो एक मुलाकात लिख दे ।
काश तू किस्सों में तो होगी मेरी,
ऐसी कोई कहानी की लिखावट लिख दे ।
मिलने पर भी खामोश ना रह जाए लब,
सुकूं से भरे वो लफ्ज़ लिख दे।
मैं नदियों सा बहता पानी बनूं,
तु हवाओं में ऐसी वो रवानी लिख दे।
सिलसिला ये मुलाकातों का हमेशा रहे,
ऐसी कोई प्यारी सी साज़िश लिख दे।
जेहन से कभी भूले ना गुजरे लम्हे,
हर मोड़ पर वो ख्वाहिश लिख दे।
ख्वाबों में भी छूटे ना तेरा हाथ,
तेरे साथ ही वो हर सहर लिख दे।
गुजर जाएं जिंदगी जो तेरे साथ,
साथ तेरे वो ऐसी उम्र लिख दे।