ले चल हमें बहार में
ले चल हमें बहार में
चल ले चल हमें बहार में उस
जहां प्यार के रंग सदा खिलते हों
जहां आता जाता कोई न हों
जहां प्यार वाले ही मिलते हों
इस जलती दुनियां से दूर रहें
कोई ऐसी जगह तु मुझे बता
दुनियां वीरान न चाहूं मैं
तु अपने बाहोंं में मुझे बिठा
दूर दूर तक भटक रही मैं
वैसा स्थान न कहीं मिला
जैसा स्वर्ग मैं चाहती थी
स्वर्ग वैसा तेरे बाहोंं में मिला
चल ले चल हमें बहार में उस
जहां प्यार के रंग सदा खिलते हों!

