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Manju Saraf

Romance

3  

Manju Saraf

Romance

क्या यही प्यार है

क्या यही प्यार है

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साथ जीने की चाह,

साथ उठना बैठना हँसना,

हर पल तेरी बस तेरी आस,

आस से जब उपजी

मन में प्रेम की चाह,


यूँ हरदम तेरी फिक्र मेरे लिए,

मेरे मन के जज्बातों को

अल्फाज देना,

राधा सा प्रेम मेरा निश्छल,

तू मेरा श्याम,


मुरली की तान पर

जब नाचे मेरा मन मोर

तब सोचे दिल मेरा,

क्या यही प्यार है,

कुछ कहना कुछ सुनना,


कुछ मन ही मन गुनना,

कभी हंसना और कभी

हंसते हंसते रो देना,

लगे तभी क्या यही प्यार है,

क्या यही प्यार है।


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