क्या पर्यावरण प्रति सजग हैं
क्या पर्यावरण प्रति सजग हैं


क्या हम पर्यावरण के प्रति सजग हैं ?
यदि हाँ तो दिन-प्रतिदिन क्यों प्रदूषण की समस्या बढ़ती ही जा रही है ?
क्यों हवा धुंध और जहरीली गैस बन गई है !
क्यों अमृत तुल्य जल को हमने हलाहल का प्याला बना दिया !
हमने खेतों को कारखानों, खानों खदानों का धर्मशाला बना दिया ?
आखिर क्यों हम पर्यावरण के प्रति निष्क्रिय होते जा रहे हैं ?
क्या हम पर्यावरण के प्रति सजग हैं ? यदि नहीं तो आखिर कब होंगे !
सब कुछ समाप्त हो जाएगा तब नहीं तो कब ? कब ? कब ?
कब हम अपनी धरा पर, ध्यान देंगे, उसका सम्मान करेंगें।
कब तक हम अपनी गलतियों को छुपाते रहेंगे !
जो बित गई सो बात गई। लेकिन अब हमें गलतियों को दुहराना नहीं !
बल्कि पर्यावरण के लिए कुछ कर जाना है !