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Tritrishna Ghosh

Romance

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Tritrishna Ghosh

Romance

क्या फर्क पड़ता है ?

क्या फर्क पड़ता है ?

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क्या फर्क पड़ता है, 

अगर तुम मुझसे प्यार ना करो 

मेरी मोहब्बत हम दोनों के लिए काफी है 

बस यह जान लो।


तुमने जो एहसास दिया मुझे 

वह मेरे लिए ज़न्नत से कम नहीं 

तुम्हारे लिए खेल था 

हमारे लिए बंदगी।


क्या फर्क पड़ता है, 

अगर तुम मुझसे प्यार ना करो 

हम दोनों नदी के दो किनारे होकर भी, 

मेरी चाहत में एक रहेंगे, 

बस यह जान लो।


तुमने छू लिया था उस मन को

जिसे कोई समझ ही ना पाया था

तुम्हारे मिलने से पहले, 

जिश्ने सिर्फ आंसू ही बहाया था 

क्या फर्क पड़ता है, 


अगर तुम मुझसे प्यार ना करो 

ज़िन्दगी भर तुम्हे ही चाहूँगी

बस यह जान लो।

हर शाम, हर रात, 

तेरे नाम करके 

कौन सी गलती कर दी इस दिल ने 

बताओ तो ? 


प्यार करने की इतनी

बड़ी जो सजा मिली 

क्यों, समझाओ तो ? 

क्या फर्क पड़ता है,

 

अगर तुम मुझसे प्यार ना करो 

मेरे सांसों में तुम्हारा ही घर रहेगा

बस यह जान लो।


ज़माने ने मुझे नहीं समझा 

यह तोह वाज़िब था 

पर तूने ठुकरा दिया 

इस में कौन सा इंसाफ़ी था 


क्या फर्क पड़ता है, 

अगर तुम मुझसे प्यार ना करो 

मेरे जीते जी मेरी धड़कन

तुम ही रहोगी 

बस यह जान लो।


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