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AKSHAT YAGNIC

Abstract

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AKSHAT YAGNIC

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क्या कहेंगे लोग

क्या कहेंगे लोग

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मत सोचिए क्या कहेंगे लोग

है यह बड़ा घातक रोग


लोग नहीं आएंगे आपका जीवन जीने

तो क्यों अपना चैन हम खुद ही छीने


आपके जीवन पर है केवल आपका अधिकार

इसलिए खुद पर कीजिए ये उपकार


जैसा मन करे वैसे ही जिया कीजिए

अपना अमृत अपना विष खुद ही पिया कीजिए


मरण शैया पर नहीं आए आपके मन में यह विचार

कि हो गया आपके जीवन के साथ अत्याचार


आप केवल लोगों को सोचकर ही जीते रहे

अपनी इच्छाओं का मुंह खुद ही सीते रहे।


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