STORYMIRROR

Bhawna Panwar

Romance

2  

Bhawna Panwar

Romance

क्या हुआ तेरे पास नही हैं तो

क्या हुआ तेरे पास नही हैं तो

1 min
423

क्या हुआ तेरे पास नहीं हैं तो

वो दिल की धड़कनें आज भी वहीं से आती हैं

वो अपनी चाहत आज भी दिल मे ही बस्ती है

वो मिलने की राहत आज भी सुकून देती है

वो आशिक़ी की सुर्खियां आज भी याद आती हैं।

क्या हुआ तेरे पास नही हैं तो।


क्या हुआ तेरे पास नही हैं तो

चाहत तो तेरी हर रोज बढ़ती है

कभी हल्के से तो कभी आहिस्ता से तू हर रोज दिल मे बसता है,

साथ तेरे रहने का हर सपना आज भी मेरी चाहत के नगमे पिरोता है,

कभी धूप में तो कभी छाँव मे हर रोज तेरी यादों में बिलख जाती हूँ,

क्या हुआ तेरे पास नही हैं तो।


कभी रातों में तो कभी दिन के सपनो में तू आज भी आ ही जाया करता है

कभी दिल को समझता है तो कभी मेरे सपनों को समझता है,

तू आज भी वही है, उन गलियों में या उन यादों में

उन आहत में या उन झरोखों में

उन सांसो में या उन शरारतों में

आखिर क्या हुआ अगर तुम पास नहीं तो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance