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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Classics

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Classics

क्या होता है

क्या होता है

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क्या होता है जब, याद कोई आता है,

रोता है और कलेजा दिल को आता है,

रह रहके सताए और वो याद आता है,

कभी दूर प्रतिबिंब में मन को लुभाता है।


क्या होता है जब, दिल का दर्द सताये,

सोना भी चाहता कभी, नींद नहीं आये,

रोना भी चाहे तो आंसू देते बहुत सजाये,

बस मन कहता है,कभी न दिल लगाये।


क्या होता है जब,प्रभु के दर्शन हो जाये,

मन बाग बाग हो उठे, उसके गुण गाये,

इच्छा होती है, मिलती रहे ईश्वर दुआए,

कभी रोना भी चाहे चेहरे पर हँसी आये।


क्या होता है जब,नहीं लगता हो अपना,

हकीकत हो यह, नहीं होगा यह सपना,

पर दिल कहेगा, ईश्वर जग में है अपना,

दिन रात खोये रहे,उनका नाम ही रटना।


क्या होता है जब, गुरुदेव के हो दर्शन,

पैर छूकर मांग लू, देना बस आशीर्वाद,

सौभाग्यशाली दिन हो वो मन हो खुश,

कभी न भूल पाऊं, रहे जिंदगी भर याद।


क्या होता है, मां बाप जब उठता साया,

जी करता है मर जाऊं,अब क्या है जीना,

रो रोकर बीत जायेगी जिंदगी बस याद में,

जीते जी जहर गमों का ही, पड़ेगा पीना।


क्या होता है जब, शुभ घड़ी कोई आती,

मन की खुशियां बस दुगुनी ही हो जाती,

कभी कोई आएगा मिलने हो प्रसन्नता भी,

जीवनभर यह घड़ी मन को बहुत सताती।


क्या होता है जब, विदाई की घड़ी आये,

दिल रो रोकर, अपने साथी आंसू बहाये,

हाल दिल का बुरा हो, दिल कहां लगाये,

दर्द का गुब्बार उठे, दिल को ही चीर जाये।।


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