STORYMIRROR

Dr. Akansha Rupa chachra

Classics Inspirational

4  

Dr. Akansha Rupa chachra

Classics Inspirational

स्वच्छंद कविता दिल की कलम से अहसास के मोती कागज पर बिछा कर समाज के समक्ष

स्वच्छंद कविता दिल की कलम से अहसास के मोती कागज पर बिछा कर समाज के समक्ष

1 min
278

आज मिला कल न होगा आने वाला पल 

अनदेखा होगा।

चला गया पल उद्डित करता।

आने वाला मिथ्या समान, हाड माँस का

नही भरोसा कब निर्झर होवे प्राण

आज मिला जो स्वर्ण समान


कल की फ्रिक मे आज गंवाते

पल पल स्वांस की गागर से चिता मे स्वांस 

व्यर्थ हो जाते।

आज संवारे परोपकारी बन कर 

कल संवरता जाएगा। 


आखिरी कतार मे खडे हो तब भी

काल अवश्य डस जाएगा।

प्यार बो कर ,भक्ति बीजे अनंतकाल तक

खुशियाँ सीचे आज संवारे खुशी मे जी ले।

आनंद मौज मे रहना सीखो।जो मिला 

उसे सहना सीखो संतोष को धारण करके

संतुष्ट मगन मन रहना सीखो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics