मै स्त्री हूं part 1
मै स्त्री हूं part 1
“मैं स्त्री हूँ…
मैंने हर बार खुद को समेटा,
ताकि कोई और पूरी जगह ले सके।”
“मैंने खामोश रहकर तुम्हारे शब्दों को जगह दी,
पर जब बोली…
तो इतिहास ने कलम रख दी।”
“तुम्हें मेरी चूड़ियों की खनक पसंद थी,
पर मेरी आवाज़ से डर लगता था?”
“तुमने मुझे देवी कहा,
क्योंकि मैं चुप रही…
एक दिन अगर आवाज़ बन गई —
तो तुम मुझे 'दुष्ट' कहोगे?”
