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Aprajita Deval

Abstract

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Aprajita Deval

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मै लड़की हूँ

मै लड़की हूँ

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लड़की हूँ मैं लड़की हूँ

मै संविधान के जैसी हूँ


थोड़ी नम्र थोड़ी कठोर

थोड़ी पागल थोड़ी मेच्योर


कुछ कर्तव्य हमारे है

जिनको बखूबी निभाती हूँ मै


कुछ निदेशक तत्व है मेरे

जिनको ध्यान मे रख कर कोई कदम उठती हूँ मै


पर फिर भी कुछ कम सा लगता है

मुझमे कुछ गुम सा लगता है


मै ढूँढ रही उस चीज को 

जिसको तू देना भूल गया


हर चीज लिखी मुझ पर तूने

मेरे अधिकार लिखना तू भूल गया।


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