हौसले बुलंद रखें
हौसले बुलंद रखें
हम हौसले बुलंद रखें, हर हाल हरदम।
खुशियां मिलें चाहे मिलें, कोटि-कोटि गम।।
बढ़ानी खुशी है तो, सबको लुटाइए,
लूटनी हैं खुशियां, तो हरदम मुस्कुराइए।
सुख के हजार साथी, दुख के होते कम,
हम हौसले बुलंद रखें, हर हाल हरदम।
खुशियां मिलें चाहे मिलें, कोटि-कोटि गम।।
खुशियां बिखेरेंगे जो, तो पाएंगे मेले,
भोगने पड़ते हैं दुख, जहां में अकेले।
कर्म ऐसे कीजिए, सफल हो जनम,
हम हौसले बुलंद रखें, हर हाल हरदम।
खुशियां मिलें चाहे मिलें, कोटि-कोटि गम।।
जरूरत है तो ले लेवें,हम सुयोग्य से सुझाव,
स्व विवेक से तय करें किधर, ले जानी नाव।
बदलाव करने को सतत्, तैयार रहें हम,
हम हौसले बुलंद रखें, हर हाल हरदम।
खुशियां मिलें चाहे मिलें, कोटि-कोटि गम।।
गम और खुशी तो हैं हर, जीवन के किस्से,
कोई कम और कोई ज्यादा,हो सकते हिस्से।
रखिए भरोसा प्रभु पर,आंख कीजै न नम,
हम हौसले बुलंद रखें, हर हाल हरदम।
खुशियां मिलें चाहे मिलें, कोटि-कोटि गम।।
