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क्या बात है

क्या बात है

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किसी से इश्क बेपनाह करते हो,

इजहार करने से फिर भी डरते हो

वो हौले से आकर इजहार कर जाए

तो क्या बात है।


तुम्हारी आँखों में कुछ नमी सी है

शायद उसी के खोने की कमी है

उसकी आँखे भी आँसू छलका जाए

तो क्या बात है।


हम यूँ ही उनकी यादों में डूब जाए

महफिल में भी उन्हें भूल ना पाए

ऐसे में हमें वो तन्हा मिल जाए

तो क्या बात है।


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