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क्या आपकी मुस्कान है

क्या आपकी मुस्कान है

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फूल कितना सुंदर है।

पर तुमसे सुंदर नहीं।

फूल देख मुस्करा देते है।

बिना फूल के तुम्हारी,

मुस्कान का जबाव नहीं।।


देख कर गुलदस्ता लोग,

अपने इरादे बदल लेते है।

पर तुम जो हो इंसान की,

पहचाना उसके शब्दों से करती हो।

तभी तो सदा हँसती रहती हो।

और सामने वाले को भी लुभाती हो।।


लूटकर दिल कितनो का,

अपना दीवाना बना लिया।

पर दिल अपना किसी पर,

आज तक न लूटने दिया।

वाह क्या अदाएं है तेरी,

जो सब को मदहोश करे जा रही है।।


अब तो डर मुझको भी लगाने लगा। 

आज कल के हालात देखकर।

कहीं दो दोस्तों की मोहब्बत,

पर भी दाग न लग जाये।

और बेवजह तुम कहीं बदनाम न हो जाओ।।


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