कविता
कविता
अनकहे अल्फाज़,बिखरे जज़्बात
आंसुओं की नमी तो लबों की हंसी
कुछ मद्धम मद्धम अहसास तो
कुछ अधमुंदे से ख्वाब
कुछ ख्वाहिशें दिल की
तो कुछ अरमान मचलते
कुछ फिक्र देश दुनिया की
तो कुछ बात दीन ईमान की
आशिकी रब से हो या
प्रीत हो प्रकृति की
कहां नहीं देती दस्तक
इक कविता छोटी सी।