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Anil Gupta

Romance

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Anil Gupta

Romance

कविता

कविता

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जल रही जालिम जवानी आप क्यूं खामोश हैं

उठ रही दिल मे रवानी आप क्यूं खामोश हैं ।

शोख चंचल सी अदाएं आपको दिखती नही

लुट रही मेरी जवानी आप क्यूं खामोश हैं ।

आपकी सूरत के सिवा कुछ नही दिखता मुझे

हो गई हूं में दिवानी आप क्यूं खामोश हैं ।

दिल के दर्दों को भुलाना मेरे बस में अब नही

सब यही कहते हैं जानी आप क्यूं खामोश हैं ।

अपने दामन पर लिखी हैं आंसुओं से सींचकर

प्यार की अनुपम कहानी आप क्यूं खामोश हैं ।

आँख न फेरो सनम अब रंग में रंग लो मुझे

हो गई हूं में सयानी आप क्यूं खामोश हैं ।


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