Sunil Gajjani
Romance
विश्वास नहीं
पीड़ा बहुत है
ह्रदय में मेरे
तुम्हारी स्मृतियों की
निर्जल पलके देख यूँ
दोष ना दो
सुनो, फिर सागर को
तुम क्या कहोगी
जिसके भीतर
कई सैलाब दफ़न है !
धूप
कविता
गज़ल
बच्चा और बचपन
कैसा दिवाना ये मन है मेरा, तुझ को मै भूल पाता नहीं। कैसा दिवाना ये मन है मेरा, तुझ को मै भूल पाता नहीं।
जिन्दगी मेरी अधूरी सी लगे, एक बार आकर मना लीजिए। जिन्दगी मेरी अधूरी सी लगे, एक बार आकर मना लीजिए।
इसकी जरूरत है इश्क़ इस को जीने का शऊर सिखाता है! इसकी जरूरत है इश्क़ इस को जीने का शऊर सिखाता है!
लेकिन वह बरसात में भीगी मुलाकात यादगार बन गई। लेकिन वह बरसात में भीगी मुलाकात यादगार बन गई।
किसी जब मुश्किलों में हम घिरे होते कहीं हैं तब, हमारे कौन हैं अपने तभी हम आज़माते हैं किसी जब मुश्किलों में हम घिरे होते कहीं हैं तब, हमारे कौन हैं अपने तभी हम आज़म...
अब तो तुम गांव से शहरों में चली, सूना पड़ गया ये बारिश का महीना। अब तो तुम गांव से शहरों में चली, सूना पड़ गया ये बारिश का महीना।
हर पल तेरी यादों में तेरे साथ बिताए पलों में, खुद को ढूंढने की कोशिश कर रहा हूं, हर पल तेरी यादों में तेरे साथ बिताए पलों में, खुद को ढूंढने की कोशिश कर रहा ह...
माना कि तुम उसके हमेशा रहोगे लेकिन कब तक ये रिश्ता निभाते रहोगे। माना कि तुम उसके हमेशा रहोगे लेकिन कब तक ये रिश्ता निभाते रहोगे।
मेरा दिल खो गया और फिर एक कहानी शुरू हुई। मेरा दिल खो गया और फिर एक कहानी शुरू हुई।
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिये
पर दिल जानता है हम कितने पास हैं, पर दिल जानता है हम कितने पास हैं,
जीवन के उन मधुरिम पल को, जीवन के उन मधुरिम पल को।। जीवन के उन मधुरिम पल को, जीवन के उन मधुरिम पल को।।
मानते है इशारे ना समझें हो तुम, पर कहा जो ज़ुबानी, भुला दोगे तुम ? मानते है इशारे ना समझें हो तुम, पर कहा जो ज़ुबानी, भुला दोगे तुम ?
तू जल है शांत सरोवर की, मैं नदी का बहता पानी हूँ। तू जल है शांत सरोवर की, मैं नदी का बहता पानी हूँ।
देख तेरे गांव की गलियां मुझको तेरी याद आयी। देख तेरे गांव की गलियां मुझको तेरी याद आयी।
कागज़ महज़ कागज़ ही तो ठहरा क्या उतार पायेगा वो मुकम्मल तुमको कागज़ महज़ कागज़ ही तो ठहरा क्या उतार पायेगा वो मुकम्मल तुमको
दुनिया के सामने जो प्यार के साथ दे सके वो ही सच्चा प्यार है। दुनिया के सामने जो प्यार के साथ दे सके वो ही सच्चा प्यार है।
हाँ सदियों से तेरी मैं हो कर रही मैं तुझको शहर से दूर ले जा लूँ कहीं.... हाँ सदियों से तेरी मैं हो कर रही मैं तुझको शहर से दूर ले जा लूँ कहीं....
साथ तेरे जो मैं मुस्कुराई वो हर लम्हे मुझे याद थे। साथ तेरे जो मैं मुस्कुराई वो हर लम्हे मुझे याद थे।
बाबुल के नाम एक खत छोड़ आई हूं। बाबुल के नाम एक खत छोड़ आई हूं।