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VIVEK ROUSHAN

Tragedy

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VIVEK ROUSHAN

Tragedy

कविता लिखते वक़्त

कविता लिखते वक़्त

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कविता पढ़ते वक़्त हम 

जिंदगी के उतार-चढ़ाव को 

समाज में अच्छाई-बुराई को 

पढ़ रहे होते हैं, और 

कविता लिखते वक़्त

एक कवि,एक ही जीवन में 

कई बार मर रहा होता है

कई बार जी रहा होता है |



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