कुर्सी
कुर्सी
कुर्सी की देखो माया
रचा है इसने खेल सारा
चढ़ा है सब पर इसका रंग
क्या नेता, क्या अभिनेता
डोल रहे है इसके संग
जो पाए वह तर जाए
जो देखे वह डर जाए
दुनिया नाचे इसकी उँगली पर
काम गजब के कर जाए
देखो इसकी काली माया
औरों को जोड़े लालच में
अपनो को तोड़े गैरत में
भ्रष्टाचारी का फैला जाल
कर रही है सबको बेहाल !
