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Rashmi Lata Mishra

Drama

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Rashmi Lata Mishra

Drama

कुंभ मेला

कुंभ मेला

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संक्रांति पर विशेष स्नान

कुंभ है महान,कुंभ है महान

अमृत की बूंदों से उपजा श्रेठ

अमर है यह।


वरदान अध्यात्म यह कहता है

विश्वास है अपना-अपना

पर मात्र डुबकी लगा लेने से  

गंगा जी मे कर्मों

की गति न उलट जाएगी।


वही तो एक सम्पदा है

जैसी करनी, वैसी भरनी

वही तो तेरे साथ जायेगी

तो पावन सलिला।


गंगा कोन मैला कर रे प्राणी

पावन कुंभ की आस्था

पर न फेर तू पापों का पानी

सदवृति, सदभावो,सद्कर्मो

की है ये बेला।


यही संकल्प कर ले तू

फिर आना कुंभ मेला

फिर आना कुंभ मेला।


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