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Saurabh Chauhan

Abstract

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Saurabh Chauhan

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कुछ पलों का सफर

कुछ पलों का सफर

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मन को शांत कर दे 

कुछ ऐसी बात कर 

मैं तुझसे प्यार करूँ 

कुछ ऐसी बात कर 


मैं तेरे साथ चल दूँ 

मुझे घर का रास्ता दिखा 

मुझे शैतान हैं दिखते हर जगह 

मुझे भगवान का रूप दिखा 


ये परदा हटा दो ज़रा 

तो रौशनी आ जाये 

खिल खिलाकर हँस दो ज़रा 

तो बहारों में खुशबू आ जाये 


कुछ पल ही बैठ जाओ साथ में 

ये यादें ही काफ़ी होंगी 

इस कुछ पलों के सफर में 

खुशियाँ ग़मों से भारी होंगी 


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