कुछ पल के लिए
कुछ पल के लिए
कुछ पल के लिए यह रात सुहानी लगती है,
उन हवाओं में भी शीतल सी ठंडक लगती है,
मेरे दिल के हर दर्द और गमों को भुला देती,
कभी गीतों की खुशनुमा बहार सी लगती है,
दिन के उजाले को समेट लेती अपनी बाहों में,
ख्वाबों में आए खूबसूरत सपनों सी लगती है,
चारों दिशाओं में एक अजब सी शांति फैली है,
इस शांति में कुछ अपनी- अपनी सी लगती है,
भले ही सूरज का उजाला अभी कहीं छिप गया ,
मन में जगाती वो रात एक उम्मीद सी लगती है,
कुछ पल के लिए बहुत कुछ सिखा देती यह रात,
कभी-कभी तो जीवन की पाठशाला सी लगती है !
