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Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Classics Others Children

3.5  

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Classics Others Children

कुछ न पूछिए

कुछ न पूछिए

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खुशियों पे लगी किस की नज़र कुछ न पूछिए।

कैसे हुआ वीरान नगर,कुछ न पूछिए।

 ❤️

मिलके यहां मनाते थे त्यौहार सारे लोग।

घोला है यहां किस ने ज़हर कुछ न पूछिए।

❤️

हमसायों ने जला दिए हमसायों के ही घर।

नफ़रत है फैली किस कदर कुछ न पूछिए।

❤️

सुख दुख में लोग रहते थे इक दूसरे के साथ।

क्योंकर जुदा हुई है डगर,कुछ न पूछिए।

❤️

छीनी है सर से कैसे सियासत ने छत यहां।

मिसमार हुए कैसे ये घर,कुछ न पूछिए।

❤️

ख़ौफ़ो हिरास में यहां दुबके है कैसे लोग।

छूटा है कैसे लोगों का घर कुछ न पूछिए।

 ❤️

लाशें बिछी है,घर भी जले हैं यहां "सगी़र"।

हाकिम से अब सवाल, मगर कुछ न पूछिए।


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