कुछ बातें
कुछ बातें
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कमी नहीं है मुझको
अब रुलाने वालों की
राह क्यूँ मैं देखूँ फिर जाने वालों की
फैसले जो भी थे मेरे
सब गलत हुए
अब मान लेता हूँ,
कुछ समझने वालों की
ज़िंदगी खेल है
इसे खेलों कहा लोगों ने,
तो जिंदगी बेहतर होगी
फिर खेल दिखाने वालों की
इश्क़ बदनाम बहुत है
ये जान लिया हमने।
देखी दुकान बाजार में
जो दिल बहलाने वालों की
मेरे हक पर कब्जा जमाने वाली
दुनिया फिर कैसे सुना दूँ
कहानी दान लुटाने वालों की।।