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Swaraangi Sane

Tragedy

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Swaraangi Sane

Tragedy

क्षमा याचना

क्षमा याचना

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तुम्हें जन्म दे कर्ण की तरह

और भूल जाएँ    

या पैदा करे अभिमन्यु की तरह

एक संभावना यह भी है कि

मार दे तुम्हें अपने ही भीतर।

       

अंदर की औरत की इच्छा

देखे दूसरे बच्चों में

सिखाएँ उन बच्चों को 

शेर जैसा चलना।


हाथी-सा मस्त रहना

हंस-सा प्रेम करना 

और

गरुड़-सा ऊँचा उड़ना।


उसे सिखाए वह यह भी

काँटों और कीचड़ में रहकर खिलना

घास की तरह झुकना

बाँस की तरह तनना।


पानी में दोस्तों के साथ

घंटों छपाक-छपाक खेलना

पर प्यारे बच्चे 

तुम्हें वह सब नहीं सिखा पाएगी।


वह तुम्हें नहीं देना चाहती

कछुए-सा सरकता

केंचुएँ-सा रेंगता

खरगोश-सा डरा हुआ और 

नागफनी सा कँटीला जीवन।


इस विरासत को 

नहीं बढ़ाना चाहती आगे।

दुनिया बहुत सुंदर है

पर तुम्हें गिद्धों से नहीं बचा सकती वह,


उसे क्षमा करना

तुम्हें पैदा करने की हिम्मत

उसमें नहीं 

वह नहीं देख सकती

हारता तुम्हें।


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