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Vaibhav Rashmi Verma

Romance

3  

Vaibhav Rashmi Verma

Romance

कश्ती

कश्ती

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अभी खामोश है समंदर तो चलो पार कर लो।

आएगा तूफां तो कश्ती निकाल न पाओगे।।


न कर इश्क़ की तासीर तीखी है।

मिल गए जो लब तो प्यास बुझा न पाओगे।।


बैठे थे कभी रख सिर जिसके काँधे पर तुम अपना।

उसी का छोड़ कर तुम हाथ सरे बाज़ार हो आये।।


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