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Vaibhav Rashmi Verma

Tragedy

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Vaibhav Rashmi Verma

Tragedy

अकेला

अकेला

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202


उम्र भर चला तू अकेला।

अब मरने पर भीड़ आयी है।।


देख तुझे तकलीफ़ में हँसते रहे।

अब तेरी मौत पर गमी छाई है।।


कितना टूटा कितना बिखरा न पूछा किसी ने।

अब राख हो गया तो तेरी फ़िकर सताई है।।


उम्र भर चला तू अकेला।

अब मरने पर भीड़ आयी है।।


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