STORYMIRROR

Mithilesh Tiwari "maithili"

Inspirational Others

4  

Mithilesh Tiwari "maithili"

Inspirational Others

कृषक

कृषक

1 min
286

        

चीर के बंजर धरती का भी सीना

   कृषक उगाता अन्न-धन सोना ।

 धूप छाँव में कैसे जीना

  विपरीत दशा में विचलित न होना ।।


   ये सिखलाता एक किसान।

    हे कृषक तुम हो महान ।।


रूखी सूखी स्वयं है खाता

  थाली सबकी स्वादिष्ट सजाता।

मेहनतकश हलधर अन्नदाता

  जन-जन की नित क्षुधा मिटाता ।।


  ये कहलाता मानवता का प्रतिमान ।

    हे कृषक तुम हो महान ।।


आपदाओं से नित ही टकराता

  पर कभी ना अपना आपा खोता।

 दुर्भिक्ष में भी सदा मुसकाता

  उम्मीद का दामन कभी ना छोड़ता।।


 ये सहता झंझाझकोर आंधी-तूफान ।

   हे कृषक तुम हो महान ।।


आज भी दीन हीन क्यों है किसान

   इस सत्य से नहीं कोई अनजान ।

 याद करें शास्त्री जी का नारा महान

   जय जवान जैसे ही जय किसान।।


    ये देता सत्य-संदेश जहान।

    हे कृषक तुम हो महान ।।


 करें प्रयत्न आए जीवन में खुशहाली।

  लाते जैसे ये वसुधा में हरियाली । 

ओढ़ के चूनर धानी इठलाती

   गीत खुशी के हर पल गाती ।।


  ये होता शस्य श्यामला का अभिमान ।

    हे कृषक तुम हो महान ।।


   


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational