मैं फिर भी यूं ही खोता ही रहा, जैसे कुछ हुआ ही नहीं मैं फिर भी यूं ही खोता ही रहा, जैसे कुछ हुआ ही नहीं
अब पछताने से कुछ हाथ तो आयेगा ही नहीं अब पछताने से कुछ हाथ तो आयेगा ही नहीं
खोटा सिक्का आखिर चल गया कड़ी धूप में आकर खिल गया! खोटा सिक्का आखिर चल गया कड़ी धूप में आकर खिल गया!
आपदाओं से नित ही टकराता पर कभी ना अपना आपा खोता। आपदाओं से नित ही टकराता पर कभी ना अपना आपा खोता।
अब वक्त और नहीं खोता। अब मैं नाराज नहीं होता अब वक्त और नहीं खोता। अब मैं नाराज नहीं होता