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Devendraa Kumar mishra

Inspirational

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Devendraa Kumar mishra

Inspirational

कर्म पर निर्भर

कर्म पर निर्भर

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सीधे फल नहीं उगते 

पहले पौधा रोपा जाता है 

फिर खाद पानी से सींचा जाता है 

पौधा धीरे धीरे बढ़ता है 

फिर पेड़ बनता है 

फूल पत्तियाँ होती हैं 

फिर हरियाली बिखेरता है 

फिर फल लगते हैं 

जो धीरे धीरे पकते हैं 

तुम फल की इच्छा मत करो 

कर्म करो, फल तो मिलेगा ही 

जैसे कर्म करोगे, वैसा फल होगा 

बबूल बोकर आम नहीं पा सकते 

कोई पौधा धीरे धीरे बढ़ता है 

कोई तेजी से बढ़ता है 

लेकिन उसके पहले कर्म करना होता है 

तुम कर्म से मानव बने 

कुकर्म से नराधम और सुकर्म से पुरुषोत्तम 

सब तुम्हारे कर्म पर निर्भर है


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