Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sudershan kumar sharma

Inspirational

4  

Sudershan kumar sharma

Inspirational

कर्म(गजल)

कर्म(गजल)

1 min
323


क्यों करता है बुराई किसी की,

हर पल भलाई की तैयारी रख।


धंस जाएं पांव मिट्टी में अगर,

उस मिट्टी से भी यारी रख, 


ठुकरा देता है अगर दिल से तुझे कोई,

तू अपने दिल में दिलदारी रख। 


चोट न पहुंचे बातों से किसी को,

तू जबान अपनी प्यारी रख। 


कर ले मदद जरूरतमंद की

इतनी तू समझदारी रख। 


क्यों अकड़ता है अपने गुमान में,

क्यों भेजा था भगवान ने, सोच यह अपनी प्यारी रख। 


पहचान तेरी रहे अलग ही भीड़ में,

ऐसी तू कलाकारी रख। 

माना की अलग अलग फितरत है इंसान की सुदर्शन, 

नहीं मिलता दिल किसी से अगर, तू फिर भी जुबान प्यारी रख। 


न जानें किस भेस में मिल जाएं भगवान तुझे,

तू हरेक इंसान से यारी रख। 


मत ठुकरा किसी को दरिद्र समझ कर,

नजर इतनी प्यारी रख, कोई समझे या न समझे

तू अपनी वफादारी जारी रख। 


कर्म किए जा नित रोज तू फल की न तैयारी रख,

तेरा किया तुझे ही मिलेगा सुदर्शन, 

तू कर्म की गठरी प्यारी रख। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational