Shweta Mishra
Tragedy
कौन कहता है कफन का रंग सफेद होता है,
मैंने लाल जोड़ों में भी जिंदा लाश उन औरतों के देखे हैं..!
अनबन
थोड़ा और मर्द...
बिट्टी
मगर लोग चुप ह...
बेटियां
कफन
आसमान
डोज
नैलपॉलिश
मैं भी वही सम...
जान की कीमत नहीं आज इस संसार में जान लेने देने का खेल हो रहा व्यापार में। जान की कीमत नहीं आज इस संसार में जान लेने देने का खेल हो रहा व्यापार में।
तुम कल्पना भी नहीं कर सकते उसकी विशालता और त्याग की, तुम कल्पना भी नहीं कर सकते उसकी विशालता और त्याग की,
माँगोगे तुम खुशियाँ लेकिन मौत तुम्हे इनाम मिलेगा। माँगोगे तुम खुशियाँ लेकिन मौत तुम्हे इनाम मिलेगा।
गांव की पाठशाला का बुरा हाल हो गया। कितना सुहाना बचपन जाने कहां खो गया। गांव की पाठशाला का बुरा हाल हो गया। कितना सुहाना बचपन जाने कहां खो गया।
जो कुछ भी होता क्रांत सब अपने लिये है। जो कुछ भी होता क्रांत सब अपने लिये है।
ज्वालामुखी की परिभाषा हम स्कूल में पढ़ते हैं जानते हैं ये बस पत्थरों से फूटते हैं. ज्वालामुखी की परिभाषा हम स्कूल में पढ़ते हैं जानते हैं ये बस पत्थरों से फूटते है...
बेटी जानकर क्यूं मारा, कोख में अजन्मी काया। बेटी जानकर क्यूं मारा, कोख में अजन्मी काया।
हर आदमी लाचार है, फैला अंधकार है, यह कोरोना काल है हर आदमी लाचार है, फैला अंधकार है, यह कोरोना काल है
किसी ने बलिदान कर दिया तो किसी ने दान। किसी ने बलिदान कर दिया तो किसी ने दान।
रोको सोने से, मुझसे न करो दुःसाहस शायद यह नींद ख़त्म हो, जब हो मरण।। रोको सोने से, मुझसे न करो दुःसाहस शायद यह नींद ख़त्म हो, जब हो मरण।।
ऊपर से तकती, खंजर सी चुभती अंखियां ऊपर से तकती, खंजर सी चुभती अंखियां
प्रकाशमान इस धरती पर अस्तित्व अपना खोज रही हूं। प्रकाशमान इस धरती पर अस्तित्व अपना खोज रही हूं।
कल तक कुछ ना समझ ने वाली, आज सब कुछ समझना सीख गई, कल तक कुछ ना समझ ने वाली, आज सब कुछ समझना सीख गई,
मैं जिस हाल में हूं जानम रब न करे तू उस हाल रहे मैं जिस हाल में हूं जानम रब न करे तू उस हाल रहे
शिकस्त की आदत में शामिल नहीं जीत का परचम शिकस्त की आदत में शामिल नहीं जीत का परचम
बरसात के साथ बरस रहा था किसी की आंखों का पानी। बरसात के साथ बरस रहा था किसी की आंखों का पानी।
पूरे करने का मौसम तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें। पूरे करने का मौसम तो अब आया है चलो हम तुम तुम हम बन जायें।
सभी रिश्तों की डोर , मजबूती से बांधे रखती थी । दीदी सबकी परवाह करती थी । सभी रिश्तों की डोर , मजबूती से बांधे रखती थी । दीदी सबकी परवाह करती थी ।
मेरा दिल ना हासिल कर सका जरा सा सुकून, मेरा दिल ना हासिल कर सका जरा सा सुकून,
नींद तो आती नहीं, कोई लोरी सुना दो। नींद तो आती नहीं, कोई लोरी सुना दो।