Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shweta Mishra

Abstract Others

4  

Shweta Mishra

Abstract Others

मैं भी वही समाज हूं

मैं भी वही समाज हूं

1 min
199


मैं भी वही समाज हूं, जिसमें बहुत सारी गलतफहमीयां भरी पड़ी है,

जो सोचता है समलैंगिकता एक अपराध है,

वो एक बीमारी है जो इस समाज को बीमार कर रहा है,

जो सोचता है दलित समाज एक अछूत वर्ग है,

उन लोगों को अलग रखा जाना चाहिए खाने से पहनावे से

यहां तक कि उन लोगों के काम को भी बंटा रहने देना चाहिए,

मैं भी वही समाज हूं, जिसमें बहुत सारी गलतफहमीयां भरी पड़ी है,

जो सोचता है महिलाएं अपने मर्यादा और सीमाएं पार ना करें

गर वो ऐसा करती हैं तो उसको उसकी औकात मैं उसे पीट कर

उसे गाली देकर या उससे जबरदस्ती कर सकता हूँ ,

मैं भी वही समाज हूं, जिसमें बहुत सारी गलतफहमीयां भरी पड़ी है,


जो सोचता है गैर जात ब्याह करने वालों को

सबक सिखाना अनिवार्य होना चाहिए,

उन लोगों के साथ बुरा बर्ताव करना ही है

क्योंकि वो लोग अपने परिवार और समाज के खिलाफ गए हैं,

हां मैं भी वही समाज हूं, जिसमें बहुत सारी गलतफहमीयां भरी पड़ी है,

जो सोचता है की जो मेरे धर्म के खिलाफ बोलेगा

मैं उसे बेरहमी से पीट पीट कर उसे भीड़तंत्र द्वारा जान से मार दूंगा,

मैं भी वही समाज हूं, जिसमें बहुत सारी बर्राता सोच वाली गलतफहमीयां भरी पड़ी है..!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract