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Shweta Mishra

Others

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Shweta Mishra

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बात

बात

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बात तो हुई होगी मनुष्य और प्रकृति के बीच तभी बरसात आई है,

बिछड़ने की रुत ये अपने साथ लाई है,

बासिंदो से इन बूंदों ने उनका घर छीन लिया,

अफात है ये बरसात जिसने कच्चे मकान को ढहा दिया,

छत से टपकती बूंदों ने मानों सारे सपने तोड़ दिए हो,

इन काले बादलों ने माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है,

किसी को ये बरखा रास आई है,

तो किसी के लिए ये अपने साथ काल लाई है,

बात तो हुई होगी मनुष्य और प्रकृति के बीच तभी बरसात आई है..!



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