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Ravi PRAJAPATI

Tragedy

4.4  

Ravi PRAJAPATI

Tragedy

कोरोना वायरस

कोरोना वायरस

1 min
423


जाने क्या धरा पर होना है,

ये तो रक्तबीज कोरोना है।

शक्ति क्षीण कर देता ये,

शक्ति क्षीण में रोना है।


मत समझो इसको सज्जन,

ये विनाशकारी खिलोना है।

शक्ति निहित इसमें न कोई,

ये तो रक्तबीज कोरोना है।


हराकर इस रक्तबीज को,

धरा को हमें संजोना है।

नियम संयम बना करके,

मिलकर इसे डुबोना है।


इतनी निहित शक्ति न इसमें,

कि हमें जन्मभर रोना है।

भारत की मिट्टी में आया, 

ये तो रक्तबीज कोरोना है।


प्रकृति विनाशकारी है इसकी,

बस जागरूक हमें होना है।

नित सफाई का ध्यान रखें,

बस हांथ साबुन से धोना है।


सोशल डिस्टेनसिंग अपनाकर,

मुक्त इससे होना है।

अफवाह बनाओ न भारी,

ये तो रक्तबीज कोरोना है।


मानवता का मान रखो,

विश्वास हमें न खोना है।

निर्मम न कोई हो भर दे,

जो खाली पत्तल-दोना है।


बस नित समाचारों से,

जागरूक हमें होना है।

न समझो इसे ब्रम्हास्र,

ये तो रक्तबीज कोरोना है।


चाहे कितनी आये अड़चन,

मर्यादा न हमको खोना है।

आप भी ठहरें अपने घर पर,

रवि को अपने घर पर होना है।


न जायेंगे मिलने जुलने,

न सामान बाजार से ढोना है।

सदा रहें सावधान इससे,

ये तो रक्तबीज कोरोना है।


काल के गाल में ले जायेगा,

खिलवाड़ न अब तो होना है।

मान लो हर संदेश प्रकृति का,

नहीं कहर हमीं पे होना है।


है ये कोई विध्वंसक ही,

मगर सर पे नहीं ढोना है।

मामूली मत समझो इसको,

ये तो रक्तबीज कोरोना है।


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