मेरा हिन्दुस्तान
मेरा हिन्दुस्तान


देश प्रेम रग-रग में बसता, सरहद पर बसती है जान।
पगडंडी पर धूल उड़ाते, दूध चने का करते पान ।
छोड़ के हर रिश्ते नाते ,सरहद पर जाते वीर जवान।
ऐसा मेरा हिंदुस्तान, ऐसा मेरा हिंदुस्तान ।
सर्दी गर्मी सब सह जाते, सह जाते जुल्म अपमान।
देश रक्षा की खातिर, शहजाते बारिश की तान।
मार गिराते दुश्मन को ,जो बने भेड़िए ,भ्रष्ट ,बेईमान।
ऐसा मेरा हिंदुस्तान, ऐसा मेरा हिंदुस्तान ।
एक ही मां के दो बेटे, एक किसान एक जवान।
एक बनाता उसर बंजर, एक बनाता देश महान ।
दोनों ही हैं अ
मर धरा पर, पग पग मिलता है निशान।
ऐसा मेरा हिंदुस्तान, ऐसा मेरा हिंदुस्तान ।
एक के सर पे पगड़ी सोहे, दूजे सोहे देश की शान।
एक है पाता जीते जी तिरंगा, दूजे की मरने पर शान।
नही कोई जाती पाती ,ना कोई हिंदू मुसलमान।
ऐसा मेरा हिंदुस्तान ,ऐसा मेरा हिंदुस्तान ।
जहां है माता पुत्र की ममता,
बेटी पिता की होती सान।
संस्कार विधि विधान ,फलता फूलता ज्ञान विज्ञान।
गर्व से मस्तक ऊंचा होता, पाया जन्म इस देश महान।
ऐसा मेरा हिंदुस्तान ,ऐसा मेरा हिंदुस्तान ।