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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Inspirational

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लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव

Inspirational

बौनी उड़ान

बौनी उड़ान

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भले अभी है मेरी बौनी उड़ान,

धीरे धीरे मुझे छू लेना है आसमान।

अपने विवेक, साहस, पराक्रम से,

मुझे चमकना है सूरज समान।।


अर्जून के जैसा न मैं धनुर्धर,

उससे कम न हो मेरे तीर कमान।

कर्म धर्म हो ऐसे मेरे,

खड़ा रहूँ समाज में सीना तान।।


मेरे पास न ज़्यादा धन दौलत,

न बड़ा है मेरा खानदान।

सामर्थ्य, हिम्मत व लगन से,

ऊँची है मेरे हौसलों की उड़ान।।


मैंने हार कभी न माना,

जीत का जज़्बा है विराजमान।

बौनी उड़ान भले ही सही,

मुझे बनाना है इक नया जहान।।


बौनी उड़ान करके ही मुझे,

सफ़ल बना दे हे! भगवान।

मेरे दामन में भर दे ख़ुशियाँ,

मैं भी बनूँ एक नेक इंसान।।


पद प्रतिष्ठा मिल जाय मुझे,

पर न हो कभी मुझे अभिमान।

अपने सत्कर्मों से पहचाना जाऊँ,

भले ही मेरी हो बौनी उडान।।


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