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Ritu asooja

Inspirational

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Ritu asooja

Inspirational

*जल ही जीवन *

*जल ही जीवन *

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निरन्तर नव नूतन

निर्मल शीतल

रुक गया जो थम गया

दूषित हो जाऊंगा

दुर्गन्ध से भर जाऊंगा

मेरा अस्तित्व मेरी पहचान

निरंतर गतिमान।


अग्रसर मेरी मंजिल

आगे बढ़ना

राहों में हो रोड़े तमाम

मैं बना लेता अपना स्थान

मैं दरिया का बहता जल।


संग बहा ले किनारे कर देता सारे मल

मैं हूं जल लोगों को देता जीवन प्राण

निर्मलता , स्वच्छता मेरी एक -एक बूंद

तृप्त करती प्यासे की प्यास।


मेरा दुरुपयोग मुझे दूषित ना

करने का लो संकल्प

मैं जल मनुष्य तन में भी विद्यमान

समझोगे जो जल की अहमियत

तभी रख सकोगे अपना भविष्य सुरक्षित।


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