हम मेहनती
हम मेहनती
टेढ़ी मेढ़ी राहें हैं है अनजान सफर
निकले हैं घर से हम मस्त होकर
दुनिया जहां से परे हम होकर बेखबर
अपनी ही मस्ती में खोए तंहा रात भर
भूत भविष्य की हमें ना कोई फिकर
खुश बहुत हैं हम आज में जीकर
सीख लिया बहुत हमने खाकर ठोकर
इसलिए जीते हैं आज मैं खुश होकर
मिलता नहीं है सब कुछ केवल सोचकर
मंजिलें हासिल होती है बहुत मेहनत कर
साथ नहीं है यहां कोई हमारे हमसफर
अकेले ही चल पड़े हैं हम नई डगर पर
मेहनत करने का जुनून छाया इस कदर
देखो हार कर भी नहीं बैठे हम थक कर
टूटा जमाने का कहर कई बार हम पर
चलते हैं अब हम बहुत संभल संभल कर
ख्वाहिशों के तो बहुत हैं नये - नये घर
देखकर इन्हें दिल में संशय ना कोई डर
कहता है दिल हिम्मत से तू काम कर
मेहनत से पूरा करना है ये अनजाना सफर।