तू खुद ही है एक पिंजरा
तू खुद ही है एक पिंजरा
तू खुद ही है एक पिंजरा
पहचान अपने आपको
बना एक मिसाल तू
होकर निडर और बेखौफ
भीड़ जा अपने आप से
तुझे में है वो क्षमता
जिस का तुझे अभी अहसास नहीं
दूर कर जो शंका मन में है
और जीत ले जिसकी ख्वाहिश
कब से दिल में है
बढ़ा के आगे अपने आप को
भूल जा जो तेरे अतीत में है
जो हो गया उसका गम मत कर
जो होना है उस पर आंखें नम मत कर
खोल अपने पंख तू
उड़ जा नीले आकाश में
ऐसी एक उड़ान लगा
की फिर कोई पिंजरा
ना जकड़ सके तेरी पहचान को
तू खुद ही है एक पिंजरा
तू खुद ही है एक पिंजरा।
