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Shishpal Chiniya

Inspirational

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Shishpal Chiniya

Inspirational

कमल दल भूले

कमल दल भूले

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आज निराशा है, कल आशा है

क्या गमो को लेकर चलना,

हर ग़म खुशी का प्यासा हैं

बीती रात कमल दल भूले

राह पर गमों की हम चले।


छोड़ दिया खुशी को कोने में,

और खुद की खुशी को खुद खलें।

चला गया हैं गम का रवि

आने को खुशी की छवि।


ज्यों ढलता यौवन है, ठीक

उसी तरह गम में है कवि।

आश की डोर को कैसे तोड़ दूँ मैं

निराशा को भी कैसे छोड़ दूँ मैं।


निराशा के बाद ही आए आशा

इसीलिए तो हर आशा मोड़ दूँ मैं।


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